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"भारत ने रचा अंतरिक्ष इतिहास – ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष की ओर ऐतिहासिक कदम!"
भारत के अंतरिक्ष इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जुड़ गया है। भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला ने Axiom-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) की ओर उड़ान भरकर एक नया मील का पत्थर स्थापित किया है।
41 वर्षों बाद, राकेश शर्मा की ऐतिहासिक उड़ान के बाद यह पहला मौका है जब एक भारतीय अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकला है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मौके पर कहा:
"शुभांशु शुक्ला न केवल भारत के, बल्कि 1.4 अरब भारतीयों की आकांक्षाओं और उम्मीदों को लेकर अंतरिक्ष में गए हैं। यह मिशन भारत की वैज्ञानिक शक्ति और वैश्विक नेतृत्व की दिशा में एक और बड़ा कदम है।"
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुभकामनाएं देते हुए कहा:
"यह पल हर भारतीय के लिए गर्व का है। शुभांशु शुक्ला की यह यात्रा भारत की युवा शक्ति और वैज्ञानिक उपलब्धियों का प्रतीक है।"
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने इसे भारत के "विकसित भारत" की ओर बढ़ते कदम की संज्ञा दी।
भारतीय वायुसेना ने एक भावनात्मक संदेश में कहा:
"आसमान जीतने से सितारों तक... यह यात्रा भारत के अनंत विस्तार का प्रतीक है। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला, आप तिरंगे को वहां ले जा रहे हैं, जहां आज तक बहुत कम पहुंचे हैं।"
🚀 Axiom-4 मिशन में भारत के साथ हंगरी, पोलैंड और अमेरिका के अंतरिक्ष यात्री भी शामिल हैं। यह मिशन वैश्विक सहयोग और साझा वैज्ञानिक प्रयासों का प्रतीक बन चुका है।
और अब सीधे अंतरिक्ष से शुभांशु शुक्ला का संदेश:
"नमस्कार मेरे प्यारे देशवासियों!
क्या सफर है! 41 साल बाद हम फिर अंतरिक्ष में लौटे हैं। 7.5 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से हम पृथ्वी की परिक्रमा कर रहे हैं। मेरे कंधे पर सजे तिरंगे ने मुझे याद दिलाया – मैं अकेला नहीं हूं, मैं आप सभी का प्रतिनिधि हूं।
यह सिर्फ एक मिशन नहीं, बल्कि भारत के मानव अंतरिक्ष कार्यक्रम की शुरुआत है।
आइये, हम सब मिलकर भारत के इस ऐतिहासिक सफर का हिस्सा बनें।
जय हिंद! जय भारत!"